Kavya Soni

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लेखनी कहानी -01-Nov-2022क्या तुम मुझे यू चाहोगें

तेरे सफ़र तेरी मंजिलों की

बनना चाहूं राह
कभी खत्म ना हो 
बनना चाहूं तेरी वो चाह
तेरे सुकून का मुझे ठिकाना बना ले
संग मेरे चाहतों अपना आशियाना सजा ले
तेरे उलझनों की सुलझन बन जाऊं
जो तू चाहे तेरे दिल की धड़कन बन जाऊं
तुम्हे भीड़ में ,महफिलों में भी याद आऊं
तेरे दिल और दिमाग़ में इस कदर बस जाऊं
मेरे बिन अधूरा लगे तुम्हे अपना जहां
बनना चाहूं वो अरमां
तन्हाई में भी तन्हा तू रह न पाए
तेरे ख्वाबों ख्यालों में यूं रह जाऊं
मुस्कुराहट बनकर तेरे लबों पर सज जाऊं
राहत बनकर तेरे रूह में बस जाऊं
तेरी बातों का तेरी यादों का बनना चाहूं किस्सा
तेरे जिंदगी का बनना चाहूं अहम हिस्सा

क्या तुम यूं मुझे अपनाओगे
हमदम हमकदम अपना सनम बनाओगे
जितना मैं तुम्हे चाहती हूं
क्या तुम भी उतना मुझे चाहोगे
सिर्फ और सिर्फ मेरे बनकर रह पाओगे
तन्हा तो कभी कर ना छोड़ जाओगे

कहो कुछ तो 
क्या इस तरह मुझे अपना बनाओगे
चाहत से ज्यादा तुम चाहेगे 
जैसे मैं तेरी हुई 
तुम मेरे हो जाओगे??


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2 Comments

Mahendra Bhatt

04-Nov-2022 10:19 AM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻

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